पटना: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) पटना में एक 19 वर्षीय बीटेक छात्रा, पल्लवी रेड्डी, ने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पल्लवी आंध्र प्रदेश की रहने वाली थी और पिछले साल ही बीटेक प्रोग्राम में दाखिला लिया था। पुलिस को शुक्रवार रात करीब 10:30 बजे इस दुखद घटना की सूचना मिली।
पुलिस ने बताया कि पल्लवी का शव उसके हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटका हुआ मिला। घटना के तुरंत बाद छात्रा को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद NIT के छात्र बेहद आक्रोशित हो गए और देर रात संस्थान के डायरेक्टर के आवास के बाहर प्रदर्शन करने लगे। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने उनकी मानसिक स्थिति पर ध्यान नहीं दिया।
सुसाइड नोट में मानसिक तनाव का खुलासा।
पुलिस को पल्लवी के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने मानसिक तनाव और पढ़ाई के दबाव का जिक्र किया है। नोट में लिखा था कि वह अपनी पढ़ाई में संघर्ष कर रही थी और उसे किसी से मदद नहीं मिल रही थी।
सिटी एसपी (पश्चिम) शरत आरएस ने बताया, “हमें छात्रा के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें मानसिक और शैक्षणिक दबाव की बातें लिखी हुई हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।”
छात्रों का विरोध प्रदर्शन।
घटना के बाद एनआईटी के सैकड़ों छात्रों ने रात में कॉलेज परिसर में हंगामा किया और संस्थान के प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि छात्रों की मानसिक स्थिति को सुधारने के लिए संस्थान की ओर से कोई काउंसलिंग या सहायता नहीं दी जा रही थी।
मानसिक स्वास्थ्य पर बढ़ती चिंता
छात्रा की आत्महत्या ने फिर से शैक्षणिक संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को उजागर कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि छात्रों पर बढ़ते शैक्षणिक दबाव और मानसिक तनाव के कारण इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं।
सरकार और शैक्षणिक संस्थानों को चाहिए कि वे छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दें और इसके लिए काउंसलिंग और सपोर्ट सिस्टम मजबूत करें।
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